ऐसा कोई नहीं, जिसने भी इस संसार में अच्छा कर्म किया हो और उसका बुरा अंत हुआ है, चाहे इस काल(दुनिया) में हो या आने वाले काल में।
विवरण: कहा जाया है “कर्म ही धर्म है” इसलिए हमें कर्म करते जाना चाहिए फल अपने आप हमें मिलेगा। इस दुनिया में जितने भी लोग सफल हुए हैं सब लोग अपने कर्म के लिए ही हुए हैं। उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे लोगों की नकारात्मक बातों को अपने से दूर रख कर अपने कार्यों को पूर्ण किया और आखरी में उन्हें सफलता प्राप्त हुई।
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