Ajit Kumar Kar
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Wednesday, 27 May 2020
काली कमली वाला मेरा यार है
श्री
राधाबल्लभ
लाल
जी
-
वृन्दावन
मेरे
रोने
पे
जो
तुमको
आये
हसी
;
तो
में
रो
रो
के
तुझको
हसाया
करूँ।
बड़े
आनंद
में
वो
लोग
रहते
हैं
;
जो
सुनते
ज्यादा
और
कम
बोलते
हैं।
कस्म
कस
में
है
मेरी
डूबी
मोहब्बत
;
न
वो
बोलते
हैं
न
हम
बोलते
हैं।
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