Wednesday, 27 May 2020

काली कमली वाला मेरा यार है

श्री राधाबल्लभ लाल जी - वृन्दावन
मेरे रोने पे जो तुमको आये हसी; 
तो में रो रो के तुझको हसाया करूँ। 
बड़े आनंद में वो लोग रहते हैं; 
जो सुनते ज्यादा और कम बोलते हैं। 
कस्म कस में है मेरी डूबी मोहब्बत;
वो बोलते हैं हम बोलते हैं। 

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