Ajit Kumar Kar
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Friday, 1 May 2015
ये संसार सारहीन है
देखिये , दो बात पर जोर दिया जा रहा है ! ये संसार सारहीन है इसमें इतना ही सार है कि मानव शरीर पा कर हरि एवं गुरु से सच्चा प्रेम सम्बन्ध स्थापित हो जाय।
.......श्री महाराज जी।
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