"जो काम क्रोध से परे हैं, वो संत लिख के दे रहे हैं -
मो सम कौन कुटिल खल कामी ।
लिख के दे रहे हैं, पुस्तक में, सदा पढना, सब लोग । और जो सचमुच में हैं वो एक शब्द सुनने को तैयार नहीं । कुटिल ! हमको कुटिल कहा पड़ोसी ने...."
- श्री महाराज जी
🙏Radhey Radhey🙏
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