Thursday, 16 April 2015

Bhakti Shatak


तुम मेरे थे रहोगे,
यह श्रुति वचन तिहार !
अधम उधारन नाथ पुनि,
काहे मोहिं बिसार !!

भावार्थ : हे श्यामसुन्दर ! तुम अनादिकाल से मेरे थे, और अनंतकाल तक मेरे बने रहोगे, यह वेदों में तुम्हीं ने स्वयं कहा है | फिर अधम उधारन श्रीकृष्ण ! मुझे क्यों भुला दिया ?

(महाराज जी)

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