एक बार महाराज जी किसी की चोरी की आदत की बात बता रहे थे तो एक सत्संगी ने कहा महाराज जी आप भी तो चुराते हो तो महाराज जी कहा भाई हम क्या चुराते हैं तो सत्संगी भाई ने कहा आप महाराज जी सबका दिल चुरा लेते हो तो महाराज जी बहुत हसें और बोले की जिस चीज के चुराने से किसी का नुकसान न हो वो चोरी नहीं होती और महाराज जी ऐसा बोल कर बहुत हसें, ऐसे हैं हमारे चित्तचोर महाराज जी !
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