निधिवन क्यों है खास- लगभग दो ढ़ाई एकड़ क्षेत्रफल में फैले निधिवन को श्रीकृष्ण-राधा और गोपियों के रास क्षेत्र माना जाता है। कहा जाता है कि इस क्षेत्र में अनेक वृक्ष हैं। इन सारे पेड़ों की खासियत है कि वृक्षों इनमें से किसी भी वृक्ष के तना सीधा नहीं मिलेगा।
इन वृक्षों की डालियां नीचे की ओर झुकी और आपस में गुंथी हुई प्रतीत होती हैं। मान्यता है कि निधिवन का हर एक वृक्ष गोपी है। रात को जब यहां श्रीकृष्ण-राधा सहित रास के लिए आते हैं तो ये सारे पेड़ जीवन्त होकर गोपियां बन जाते हैं और सुबह फिर से पेड़ बन जाते हैं। इसलिए इस वन का एक भी पेड़ सीधा नहीं है। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि इस क्षेत्र में 16000 पेड़ हैं, जो कि कृष्ण की 16000 हजार रानियां हैं, लेकिन वास्तविकता में इन पेड़ों की संख्या इतनी नहीं है।
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