कोरे शब्द ज्ञान ते बने ना कछु कामा |
मन करो शरणागत पद श्री श्यामा ||
भावार्थः केवल पुस्तकीय ज्ञान से कल्याण की आशा करना व्यर्थ है | जब तक यह मन श्रीराधा पद्य-पराग का मत्त मधुप नही बन जाता तब तक इसे संसार के विषय-विष अपनी ओर आकर्षित करते ही रहेंगे |
श्यामा श्याम गीत-30
-जगद्गुरुत्तम श्रीकृपालु जी महाराज
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