Thursday 30 April 2015

Krishna Bhakti


श्यामसुंदर के वियोग की अग्नि में पांचो कोश अपने आप भस्म हो जाते हैं एवं तीनों गुण , तीनों कर्म , तीनों दोष भी स्वयं समाप्त हो जाते हैं।

No comments:

Post a Comment