Saturday 11 April 2015

उपासना


गुरु को अपना इष्टदेव, अपनी आत्मा मानो । अर्थात् आत्मा से ही आराध्य है गुरु ऐसा मानकर जो उपासना करेगा, उसी को भगवत्प्राप्ति हो सकती है ।

------- श्री महाराजजी ।
         राधे - राधे ।

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